आगरा में डॉ. योगिता की हत्या में गिरफ्तार उरई के डॉ. विवेक तिवारी को कानून का कोई खौफ नहीं था, वह पिता की मौत के बाद बिना लाइसेंस खुलेआम उनकी रिवाॅल्वर लेकर घूमता था। आगरा पुलिस बुधवार
की सुबह रिमांड पर उसे सीएमओ कार्यालय परिसर सरकारी आवास पर लेकर आई और करीब तीस मिनट तक कमरे की तलाशी में हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर व लाइसेंस बरामद किया। लाइसेंस उसके पिता के नाम है लेकिन उसने नियमाें को उल्लंघन करते हुए पिता की मौत के बाद असलहा व लाइसेंसी मजिस्ट्रेट के समक्ष सरेंडर नहीं किए थे। वह अवैध तरीके से पिता की रिवाल्वर अपने पास रखे था।
आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में स्त्री रोग विभाग की पीजी की छात्रा डॉ. योगिता गौतम की हत्या के आरोप डॉ. विवेक तिवारी को 19 अगस्त को आगरा पुलिस ने उरई कोतवाली पुलिस के सहयोग से सीएमओ कार्यालय परिसर में स्थित सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था। हत्या में साक्ष्य संकलित करने के लिए आगरा पुलिस उसे रिमांड पर बुधवार को उरई लेकर आई। सुबह सात बजे पुलिस ने उसके आवास का ताला खुलवाकर तलाशी शुरू की। विवेक की निशानदेही पर रिवाॅल्वर बरामद की, जिसे कथित तौर पर डॉ. योगिता की हत्या में प्रयुक्त किया गया था। कमरे से पुलिस ने विवेक का एक मोबाइल फोन भी कब्जे में लिया है।
अभी पिता के नाम से ही है शस्त्र लाइसेंस
कानपुर के किदवई नगर एन ब्लाक निवासी विवेक तिवारी के पिता विष्णु तिवारी पुलिस विभाग में सीओ पद से रिटायर हुए थे। प्रभारी निरीक्षक जेपी पाल ने बताया कि जो लाइसेंस मिला है, वह विवेक के पिता के नाम है,जबकि उनका निधन हो चुका है। नियमानुसार लाइसेंस धारक की मृत्यु होने के उपरांत विरासत तौर पर नया लाइसेंस बनवाना पड़ता है। लाइसेंस बनने तक असलहा व मूल लाइसेंस मजिस्ट्रेट के समक्ष सरेंडर करना पड़ता है। विवेक तिवारी अवैध रूप से असलहा अपने पास रखे था।
पिता की रिवाॅल्वर लेकर घूमता था डॉ. विवेक
डॉ. विवेक तिवारी की निशानदेही पर सरकारी आवास से पुलिस ने पिता विष्णु तिवारी की रिवाॅल्वर, लाइसेंस, एक मोबाइल और कुछ कागजात बरामद किए। बड़ा सवाल यह कि इतने दिनों तक रिवाल्वर और लाइसेंस डॉ. विवेक के पास ही रहा और कभी पकड़ में नहीं आया। वह आसानी से रिवॉल्वर लेकर घूमता रहा।
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